हेनरी हैवलाक एलिस

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लेख सूचना
हेनरी हैवलाक एलिस
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 253
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक मुद्राराक्षस

एलिस, हेनरी हैवलाक (1849-1939) विख्यात यूरोपीय मनोवैज्ञानिक और समाजशास्त्री। इनका जन्म 2 फरवरी को क्रायडन में हुआ था। इनका अधिकांश बचपन प्रशांत वातावरण में बीता इसलिए प्रारंभ से ही ये विचारशील प्रवृत्ति के थे।न्यू साउथ वेल्स में चार साल शिक्षा के पूरे करने के बाद लंदन के सेंट टामस हास्पिटल से उन्होंने चिकित्सा संबंधी उपाधि प्राप्त की। अनुसंधान और लेखन में अधिक रुचि होने के कारण उन्होंने थोड़े समय बाद ही चिकित्सा का पेशा छोड़कर अपने को अध्ययन, अनुसंधान और लेखन कार्य में लगाया। चिकित्सा और शरीरविज्ञान का विशेषज्ञ होने के कारण सहज ही उनकी प्रवृत्ति मानव जीवन और उसकी प्रकृति के सूक्ष्म अध्ययन की ओर थी। इस ओर उनकी सबसे महत्वपूर्ण प्रथम कृति सामने आई 'मैन ऐंड वुमन' जिसमें उन्होंने स्त्री और पुरुष के भेदों को वैज्ञानिक दृष्टि से अधीत किया था। इसका प्रकाशन 1894 में हुआ और इस समय तक उन्होंने अपनी विख्यात पुस्तक 'स्टडीज़ इन साइकोलाजी ऑव सेक्स' की योजना पूरी कर ली थी। एतद्विषयक उनकी पहली कृति प्रकाशित होते ही उनकी क्रांतिकारी खोजों और स्थापनाओं के विरुद्ध समाज में आंदोलन उठ खड़ा हुआ। अंतत: एलिस को देश और विदेश के विद्वानों का समर्थन प्राप्त हुआ और उनकी विस्तृत खोजें सामने आईं।अपने पचास वर्षों के लंबे लेखनकाल में उन्होंने शरीरशास्त्र, यौन विज्ञान, समाजशास्त्र, नीतिशास्त्र और दर्शन संबंधी समस्याओं पर स्थायी महत्व की सामग्री दी है। कहते हैं, उनमें डार्विन का धैर्य और हक्सले की प्रतिभा थी। उनकी देन का मूल्यांकन काफी समय बाद ही हो सका।


टीका टिप्पणी और संदर्भ