महाभारत सभा पर्व अध्याय 27 श्लोक 24-29

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पंचविश (25) अध्‍याय: सभा पर्व (दिग्विजय पर्व)

महाभारत: सभा पर्व: पंचविश अध्याय: श्लोक 24-29 का हिन्दी अनुवाद

ईशान कोण का आश्रय ले जो लुटेरे या डाकू वन में निवास करते थे, उन सब को शक्तिशाली धनंजय ने जीतकर वश में कर लिया। महाराज! लोह, परमकाम्बोज, ऋषिक तथा उत्तर देशों को भी अर्जुन ने एक साथ जीत लिया। ऋषिक देश में भी ऋषिकराज और अर्जुन में तारकामय संग्राम के समान बड़ा भयंकर युद्ध हुआ। राजन्! युद्ध के मुहाने पर ऋषिकों को हराकर अर्जुन ने तोते के उदर के समान हरे रंग वाले आठ घोड़े उन से भेंट लिये। इनके सिवा, मोर के समान रंग वाले उत्तम, गतिशील ओर शीघ्रगामी दूसरे भी बहुत से घोड़े वे करके रूप में वसूल कर लाये। इसके बाद पुरुषोत्तम अर्जुन संग्राम में हिमवान् और निष्कुट प्रदेश के अधिपतियों को जीतकर धवलगिरि पर आये और वहीं सेना का पड़ाव डाला।

इस प्रकार श्रीमहाभारत सभापर्व के अन्तर्गत दिग्विजयपर्व में अर्जुनदिग्विजय के प्रसंग में अनेक देशों पर विजयसम्बन्धी सत्ताईसवाँ अध्याय पूरा हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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