मनशेरजी पेस्तनजी खरेघाट

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लेख सूचना
मनशेरजी पेस्तनजी खरेघाट
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 306
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक सर रुस्तम पेस्तनजी मसानी

मनशेरजी पेस्तनजी खरेघाट इनका जन्म दिसंबर 1864 ई. में हुआ था। वे बचपन से ही बड़े मेधावी थे। मुख्य रूप से गणित की समस्याओं को हल करके उन्होंने अपनी कुशलता का परिचय दिया। मैट्रीकुलेशन की परीक्षा 13 वर्ष्‌ की उम्र में ही उत्तीर्ण की। तत्पश्चात्‌ कालेज की पढ़ाई समाप्तकर इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा में 1882 ई. में सफलता प्राप्त की। भारत लौटने पर आप सहायक कलेक्टर, मैजिस्ट्रेट, सहायक न्यायाधीश और सत्र न्यायाधीश के रूप में क्रमश: थाना, बस्ती, भड़ौच और शिकारपुर रहे। जब आप रत्नगिरि में सत्र न्यायाधीश थे तभी बंबई के उच्च न्यायाशलय की बेंच पर आसीन किए गए। परंतु आप शीघ्र ही छुट्टी पर चले गए जिसका प्रमुख कारण प्राणदंड की सजा के प्रति अपनी अनिच्छा प्रकट करना था। आप पुन: रत्नगिरि के सत्र जज बना दिए गए जहाँ आप सन्यासी की भाँति धार्मिकतापूर्वक जीवन व्यतीत करने के कारण सबके द्वारा पूजित तथा प्रशंसित हुए। गरीब जनता के लिए आपके हृदय में जो स्नेह था उसके कारण उनकी सेवा करने के लिए आपने अवकाश प्राप्ति की उम्र तक पहुँचने के पूर्व ही सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। पारसी पंचायत के बोर्ड ऑव ट्रस्टी के सभापति के रूप में आप जीवन के अंतिम दिनों तक कार्य करते रहे।


टीका टिप्पणी और संदर्भ