फ्रेडेरिक सामन ग्राउज

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  • फ्रेडेरिक सामन ग्राउज (१८३७-१८९३ ई.) ग्राउज के पिता का नाम रॉबर्ट ग्राउज था। उनका जन्म १८३७ में हुआ।
  • ओरिएंटल कॉलेज, और क्वींस कॉलेज, ऑक्सफर्ड में शिक्षा प्राप्त कर १८६० में वे इंडियन सिविल सर्विस के कर्मचारी के रूप में भारतवर्ष आए और तत्कालीन उत्तर-पश्चिम प्रदेश (आधुनिक उत्तर प्रदेश) में उनकी नियुक्ति हुई। उनका कार्यक्षेत्र प्रधानत: मथुरा और बुलंदशहर ज़िलों में रहा।
  • मथुरा में उन्होंने एक कैथोलिक चर्च की भी स्थापना की थी। उनके सबसे अधिक प्रसिद्ध ग्रंथ दो हैं- १. मथुरा, 'ए डिस्ट्रिक्ट मेवायर' (१८७४, १८८०), और २ तुलसीदास कृत 'रामायण' का अंग्रेजी में अनुवाद (१८७७-७८ ई. तथा उसके बाद)। १८८४ में उन्होंने 'बुलंदशहर' नामक ग्रंथ भी प्रकाशित किया।
  • मथुरा और बुलंदशहर जिलों से संबंधित इन ग्रंथों में वहाँ के जीवन के विविध पक्षों पर बहुत अच्छा प्रकाश पड़ता है।
  • ग्राउज विशुद्ध हिंदी के पक्षपाती थे। उन्होंने सरकारी दफ़्तरों में प्रचलित हिंदुस्तानी का विरोध किया।
  • ये बंगाल की एशियाटिक सोसायटी के सदस्य और कलकत्ता यूनीवर्सिटी के फेलो थे और प्राच्यविद्या विशारद एवं पुरातत्ववेत्ता के रूप में उन्होंने ख्याति प्राप्त की। १८७९ में उन्हें सी.आई.ई. की उपाधि मिली। १८९० में उन्होंने नौकरी से अवकाश ग्रहण किया। १९ मई, १८९३ को उनका देहांत हो गया।


टीका टिप्पणी और संदर्भ