चामुंडाय

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लेख सूचना
चामुंडाय
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4
पृष्ठ संख्या 187
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक रामप्रसाद त्रिपाठी
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक दशरथ शर्मा

चामुंडराय (दाहिमा) पृथ्वीराज रासो में पृथ्वीराज के अनेक सामंतों के नाम हैं, जिनमें चामुंडराय दाहिमे का नाम अग्रगण्य है। शिहाबुद्दीन गोरी, भीम चालुक्य, जयचंद्र और उस समय के अनेक राजा उसके शौर्य से परिचित थे। किंतु इस निर्भीक और सत्यनिष्ठ योद्धा को भी पृथ्वीराज ने कुछ समय के लिय कैद कर लिया था। अपने अंतिम युद्ध से पूर्व पृथ्वीराज ने इसे बंधनमुक्त किया। चामुंडराय इस युद्ध में वीरता से लड़ता हुआ मारा गया। 'नैणसी की ख्यात' में भी इसका उल्लेख है। टाड ने इसके शौर्य की बहुत प्रशंसा की है।



टीका टिप्पणी और संदर्भ