ग्लास्गो

अद्‌भुत भारत की खोज
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लेख सूचना
ग्लास्गो
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4
पृष्ठ संख्या 89
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक फूलदेव सहाय वर्मा
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक राजेंद्र प्रसाद सिंह

ग्लास्गो यह स्काटलैंड का सबसे बड़ा तथा इंग्लैंड का दूसरा बड़ा नगर क्लाइड नदी पर एडिनवर्ग से ४२ मील पश्चिम में स्थित है। यह नगर संसार में जलयान-निर्माण-उद्योग का अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है। लोहे और कोयले से संपन्न जिले के बीच में इसकी स्थिति तथा इसके उत्तम पोताश्रय ने इसे ब्रिटिश द्वीपसमूह का प्रमुख बंदरगाह तथा निर्माण उद्योग एवं व्यापार का उन्नत केंद्र बना लिया है। इस नगर में मीलों लंबे सुंदर तथा सामन लादने तथा उतारने के आधुनिक घाट हैं।

यहाँ जलयान, लौह सामग्री, वस्त्र, कागज, रसायनक, शराब, रेल के इंजन, रंग, साबुन, टाइपराइटर तथा विभिन्न प्रकार के यंत्र बनाए जाते हैं। इस नगर से ऊनी, सूती और लिलेन कपड़े, मशीनें, कोयला, कागज, रसायनक तथा 'ह्विस्की' का निर्यात किया जाता है और प्राय: कच्चे माल, जैसे धातु, गेहुँ, ऊन, मक्का, चीनी, तंबाकू, लकड़ी, और खनिज तेल का आयात होता है।

इस आधुनिक नगर में विकास योजनाओं द्वारा काफी सुधार हो रहा है। यहाँ वनस्पति उद्यान, कलासंग्रहालय, विश्वविद्यालय तथा कई महाविद्यालय हैं जिनमें 'दि रायल टेकनिकल कालेज, ऐंडरसन कालेज ऑव मेडिसिन, यूनाइटेड फ्री चर्च कालेज, सेंट मुनगो का कालेज, पशुचिकित्सा एवं प्रशिक्षण महाविद्यालय उल्लेखनीय हैं।

प्रेस्टविक यहाँ का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा तथा रेन्फ्र्यू स्थानीय हवाई अड्डा है। इनके अतिरिक्त यहाँ पुस्तकालय, औषधालय, गिरिजाघर तथा पादरी का स्थान हैं।

यहाँ नगरसरकार की प्रणाली है और जनता को सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। ग्लासगो के नगर सरकार क अध्ययन एक आदर्श रूप में अमरीका तथा कनाडा क सरकारों द्वारा किया गया है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ