कृतवर्मा

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १०:५६, २१ सितम्बर २०११ का अवतरण ('*कृतवर्मा यदुवंश के अंतर्गत भोजवंशीय हृदिक का पुत्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
  • कृतवर्मा यदुवंश के अंतर्गत भोजवंशीय हृदिक का पुत्र और वृष्णिवंश के सात सेनानायकों में एक।
  • महाभारत युद्ध में इसने एक अक्षौहिणी सेना के साथ दुर्योधन की सहायता की थी।
  • यह कौरव पक्ष का अतिरथी वीर था (मा. भा., उद्यो., १३०-१०-११)।
  • महाभारत के युद्ध में इसने अपने पराक्रम का अनेक बार प्रदर्शन किया; अनेक बार पांडव सेना को युद्धविमुख किया तथा भीमसेन, युधिष्ठिर, धृष्टद्युम्न, उत्तमौजा आदि वीरों को पराजित किया। *द्वैपायन सरोवर पर जाकर इसी ने दुर्योधन को युद्ध के लिए उत्साहित किया था।
  • निशाकाल के सौप्तिक युद्ध में इने अश्वत्थामा का साथ दिया तथा शिविर से भागे हुए योद्धाओं का वध किया (सौप्तिक पर्व ५-१०६-१०७), और पांडवों के शिविर में आग लगाई।
  • मौसल युद्ध में सात्यकि ने इसका वध किया।
  • महाभारत के अनुसार मृत्यु के पश्चात्‌ स्वर्ग जाने पर इसका प्रवेश मरुद्गणों में हो गया।

टीका टिप्पणी और संदर्भ