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*किलिमंजारो पर्वत पूर्वी अफ्रीका के टंगान्यिका में मोंबासा पत्तन <ref>स्थिति 3.5 द. अक्षांश तथा 3७.23 पू. देशांतर </ref>है।  
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*किलिमंजारो पर्वत पूर्वी अफ्रीका के टंगान्यिका में मोंबासा पत्तन <ref>स्थिति 3.5 द. अक्षांश तथा 37.23 पू. देशांतर </ref>है।  
 
*इसकी प्रधान अक्षरेखा पूर्व से पश्चिम की ओर फैली हुई है।  
 
*इसकी प्रधान अक्षरेखा पूर्व से पश्चिम की ओर फैली हुई है।  
 
*इस पर्वतांचल में एक दूसरे से सात मील के अंतर पर स्थित दो ऊँचे शिखर हैं।  
 
*इस पर्वतांचल में एक दूसरे से सात मील के अंतर पर स्थित दो ऊँचे शिखर हैं।  
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*किबो शिखर की लाबा चट्टानों से निर्मित ढालों पर लगभग 2०० फुट तक किम की श्वेत पट्टी पड़ी हुई है, जिसमें से कहीं-कही नालों के द्वारा हिमानियाँ प्रवाहित होती हैं।
 
*किबो शिखर की लाबा चट्टानों से निर्मित ढालों पर लगभग 2०० फुट तक किम की श्वेत पट्टी पड़ी हुई है, जिसमें से कहीं-कही नालों के द्वारा हिमानियाँ प्रवाहित होती हैं।
 
*किलिमंजारों पर्वत पर पर्वत सुलभ पट्टियाँ मिलती है।  
 
*किलिमंजारों पर्वत पर पर्वत सुलभ पट्टियाँ मिलती है।  
*लगभग 6,5०० से ९,5०० फुट ऊँचाई तक वनप्रांत फैला हुआ है, जिसके ऊपर 12,७०० फुट तक फूलोंवाले उच्च्पर्वतीय पौधे उगते हैं।
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*लगभग 6,5०० से ९,5०० फुट ऊँचाई तक वनप्रांत फैला हुआ है, जिसके ऊपर 12,7०० फुट तक फूलोंवाले उच्च्पर्वतीय पौधे उगते हैं।
 
*दक्षिणी ढालों पर 4,००० और 6,००० फुट के मध्य घना बसा हुआ चांगा का क्षेत्र स्थित है, जिसमें कहवा, मक्का तथा केला उगाया जाता है।  
 
*दक्षिणी ढालों पर 4,००० और 6,००० फुट के मध्य घना बसा हुआ चांगा का क्षेत्र स्थित है, जिसमें कहवा, मक्का तथा केला उगाया जाता है।  
 
*जोहैनीज रेबमैन नामक धर्मप्रचारक ने 1८4८ ई० में किलिमुजारों पर्वत का पता लगाया।  
 
*जोहैनीज रेबमैन नामक धर्मप्रचारक ने 1८4८ ई० में किलिमुजारों पर्वत का पता लगाया।  

०८:३०, १८ अगस्त २०११ का अवतरण

  • किलिमंजारो पर्वत पूर्वी अफ्रीका के टंगान्यिका में मोंबासा पत्तन [१]है।
  • इसकी प्रधान अक्षरेखा पूर्व से पश्चिम की ओर फैली हुई है।
  • इस पर्वतांचल में एक दूसरे से सात मील के अंतर पर स्थित दो ऊँचे शिखर हैं।
  • पश्चिम में स्थित किबो (1९,321 फुट) तथा पुर्व में स्थित मावेंजी (16,८९2 फुट)।
  • किबो अफ्रीका के ज्ञात शिखरों में सर्वोच्च है।
  • किबो शिखर की लाबा चट्टानों से निर्मित ढालों पर लगभग 2०० फुट तक किम की श्वेत पट्टी पड़ी हुई है, जिसमें से कहीं-कही नालों के द्वारा हिमानियाँ प्रवाहित होती हैं।
  • किलिमंजारों पर्वत पर पर्वत सुलभ पट्टियाँ मिलती है।
  • लगभग 6,5०० से ९,5०० फुट ऊँचाई तक वनप्रांत फैला हुआ है, जिसके ऊपर 12,7०० फुट तक फूलोंवाले उच्च्पर्वतीय पौधे उगते हैं।
  • दक्षिणी ढालों पर 4,००० और 6,००० फुट के मध्य घना बसा हुआ चांगा का क्षेत्र स्थित है, जिसमें कहवा, मक्का तथा केला उगाया जाता है।
  • जोहैनीज रेबमैन नामक धर्मप्रचारक ने 1८4८ ई० में किलिमुजारों पर्वत का पता लगाया।
  • सन्‌ 1८८९ में डॉक्टर हांस मेयर ने इसपर चढ़ने का सफल अभियान किया।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्थिति 3.5 द. अक्षांश तथा 37.23 पू. देशांतर