अंतलिखित

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:०५, ४ मार्च २०१३ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
अंतलिखित
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 52
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक भगवतीशरण उपाध्याय।

अंतलिखित (अंतलिकिद, अंतिआल्किदस्‌) तक्षशिला का हिंदू ग्रीक राजा। बेसनगर (मध्य प्रदेश) के स्तंभ लेख के अनुसार इस राजा ने अपने दूत दिय-के-पुत्र हेलियोदोरस को शुंगवंश के राजा अथवा भागभद्र के दरबार में भेजा था। यह भागभद्र शुगंराज ओद्रक अथवा भागवत में से कोई हो सकता है। इस अभिलेख में अंतलिखित को तक्षशिला का राजा और उसके ग्रीक दूत को विष्णुभक्त भागवत कहा गया है। अंतलिखित के सिक्के भी अन्य हिंदू ग्रीक राजाओं की भाँति ही ग्रीक और भारतीय दोनों भाषाओं में खुदे मिलते हैं। उसकी मुद्राएँ उसे विजेता भी प्रमाणित करती हैं। अंतलिखित का शासनकाल निश्चित रूप से तो नहीं बताया जा सकता, पर संभवत वह ईसवी सन्‌ की प्रथम शती में हुआ। वह बाख्त्री के राजा युक्रातिक के राजकुल का अफगानिस्तान और पश्चिमी पंजाब का राजा था। (भ. श. उ.)

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ