गोर्बातोव, बोरिस लेओंत्येविच

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०७:४८, ११ अगस्त २०११ का अवतरण ('*गोर्बातोव, बोरिस लेओन्त्येविच (२.७.१९०८-२०.१.१९५४) रू...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
  • गोर्बातोव, बोरिस लेओन्त्येविच (२.७.१९०८-२०.१.१९५४) रूसी लेखक।
  • साहित्यिक कार्य का आरंभ १९२२ में हुआ। इनके अनेक उपन्यासों में मजदूरों के जीवन का वर्णन मिलता है।
  • इनमें मुख्य हैं 'मेरी पीढ़ी' (१९३३), 'अलेक्सै गैदार' (१९५५) और 'दोनबास' (१९५१)।
  • कई कृतियों में विगत महायुद्धकालीन सोवियत संघ की जनता के जीवन और संघर्ष का प्रतिबिंब मिलता है, जैसे 'योद्धा अलेक्सै कुलिकोव' (१९४२), 'एक दोस्त के लिये चिट्ठियाँ' (१९४२), 'अपराजित' (या 'तरास का परिवार') (१९४३)। 'साधारण आर्कटिका' नामक कहानी संग्रह में (१९३७) उन विशेषज्ञों के जीवन का चित्र दिया गया है जो ध्रुवों में काम करते हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ